भगवान सूर्य देव चालीसा भगवान सूर्य देव चालीसा ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!। सहस्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!। सविता हंस…
Read moreपौराणिक कथा – क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल पौराणिक कथा – क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल :- कथा इस प्रकार है शास्त्रों के अनुसार रामायण काल में एक समय शनि को अपने बल और पराक्रम पर घमंड हो गया था। उस काल में हनुमानजी के बल और पराक्रम की कीर्ति चार…
Read more