Independence Day: सामने आया सुभाष चंद्र बोस के 450 गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड, हरियाणा सरकार को भेजा

 

सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस
हरियाणा में सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार यह तक नहीं जानते कि उनके पूर्वजों ने भी कभी आजादी की जंग लड़ी और अपना खून बहाया था। हरियाणा के ऐसे 450 शूरवीरों के नाम सामने आए हैं जो आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। इन सभी का रिकार्ड राज्य सरकार के अधीनस्थ हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेजा है ताकि इन्हें उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके।
हरियाणा के कई लोगों को तो सिर्फ  इतना ही मालूम है कि उनके पूर्वज कभी ब्रिटिश फौज का हिस्सा थे। ब्रिटिश फौज ने उन्हें विभिन्न मोर्चों पर भेजा और उसके बाद वे कभी लौटकर नहीं आए। वे इससे अनजान हैं कि उनके पूर्वज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर अंग्रेजों से बगावत कर ब्रिटिश आर्मी छोड़कर अपने देश को आजाद करवाने के लिए आजाद हिंद फौज के सिपाही बन गए थे।
 

आजाद हिंद फौज के अफसरों ने रखा था हर एक सिपाही का रिकार्ड

बोस की आजाद हिंद फौज के अफसरों ने अपनी विभिन्न रेजीमेंटों को उनके इलाकों के हिसाब से नाम दिया हुआ था। इस रेजीमेंट के एक-एक सिपाही का रिकार्ड उन्होंने रखा था। सिपाहियों का ये रिकार्ड सुभाष चंद्र बोस के गोपनीय दस्तावेजों का ही हिस्सा था। आजादी के बाद कई दशकों तक ये दस्तावेज सरकार ने गोपनीय रखे।

अब बोस के तमाम दस्तावेज सार्वजनिक हो चुके हैं, इसलिए राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग के पास बोस के तमाम सिपाहियों का रिकार्ड भी सार्वजनिक है। इसी रिकार्ड को पिछले सात साल से चरखीदादरी के गांव दाणी फौगाट के मूल निवासी श्रीभगवान फौगाट (अभी रेवाड़ी में रहते हैं) खंगाल रहे हैं। श्रीभगवान के पिता श्रीराम सिंह फौगाट भी आजाद हिंद फौज के ही गुमनाम सिपाही थे जिन्हें लंबे संघर्ष के बाद श्रीभगवान ने पहचान दिलवाई।
 

इन सिपाहियों को विद्रोही करार दे चुके थे अंग्रेज

श्रीभगवान फौगाट ने बताया कि वे अपने पिता के रिकार्ड के बाबत कई बार सेना भवन, रक्षा व गृह मंत्रालय भवन और राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग जाते रहे। वहीं उन्होंने देखा कि हरियाणा से संबंधित आजाद हिंद फौज के कई सिपाही ऐसे हैं जो आज तक गुमनाम हैं और उनके नाम फाइलों में ही दबे रह गए हैं।

उन्होंने बताया कि उन दिनों सुभाष चंद्र बोस का इतना ज्यादा प्रभाव था कि संयुक्त पंजाब के बहुत से ब्रिटिश फौज के सिपाही बगावत कर आजाद हिंद फौज में चले गए। अंग्रेजों ने इन्हे विद्रोही माना। अंग्रेजों से बगावत करने वाले कई सिपाही तो आजाद हिंद फौज के खत्म होने के बाद लौट आए, मगर कई विभिन्न मोर्चों पर अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो गए।

उनके अनुसार अभी तक वह 450 गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड ढूंढकर जिला उपायुक्त रेवाड़ी के माध्यम से हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेज चुके हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि वे इन गुमनाम सिपाहियों का नाम संबंधित जिला उपायुक्तों के माध्यम से उनके परिजनों तक पहुंचाएं और इन स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को पेंशन सुविधा भी दें।

https://www.amarujala.com/chandigarh/independence-day-2020-subhash-chandra-bose-missing-soldiers-record-found?pageId=2



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