भगवान कुबेर चालीसा भगवान कुबेर चालीसा ॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय, और जैसे अडिग सुमेर। ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर॥ विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर। भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय श्री कुबेर…
Read moreभगवान शिव चालीसा भगवान शिव चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शि…
Read moreभगवान कृष्ण चालीसा भगवान कृष्ण चालीसा ॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बा फल, पिताम्बर शुभ साज॥ जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥ ॥ चौपाई ॥ जय यदुनन्दन जय जगव…
Read moreभगवान बटुक भैरव चालीसा भगवान बटुक भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन, धर गणेश का ध्यान। भैरव चालीसा रचूं, कृपा करहु भगवान॥ बटुकनाथ भैरव भजू, श्री काली के लाल। छीतरमल पर कर कृपा, काशी के कुतवाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय श्रीकाली के लाला…
Read moreभगवान भैरव चालीसा भगवान भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन, मंगल करन कृपालु। करहु दया जि दास पे, निशिदिन दीनदयालु॥ ॥ चौपाई ॥ जय डमरूधर नयन विशाला। श्याम वर्ण, वपु महा कराला॥ जय त्रिशूलधर जय डमरूधर। काशी कोतवाल, संकटहर॥ जय गिरिज…
Read moreभगवान विष्णु चालीसा भगवान विष्णु चालीसा ॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय, सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूँ, दीजै ज्ञान बताय॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥ प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी। त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥…
Read moreभगवान सूर्य देव चालीसा भगवान सूर्य देव चालीसा ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!। सहस्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!। सविता हंस…
Read moreभगवान ब्रह्मा चालीसा भगवान ब्रह्मा चालीसा ॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम। विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम॥ ॥ चौपाई ॥ जय …
Read moreभगवान विश्वकर्मा चालीसा भगवान विश्वकर्मा चालीसा Shree Vishwakarma Chalisa ॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर, मन वचन कर्म संभारि। मोर मनोरथ पूर्ण कर, विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥ चौपाई ॥ विश्वकर्मा तव नाम अनूपा। पावन सुखद मनन अनरूपा॥ सुंदर सुयश…
Read moreविष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु के हजार नामों से युक्त एक प्रमुख स्तोत्र है विष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु के हजार नामों से युक्त एक प्रमुख स्तोत्र है। यह हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र तथा प्रचलित स्तोत्रों में से एक है। महाभारत में उपलब्ध विष्णु सहस्रनाम …
Read moreभगवान शिव के रुद्रावतार भगवान शिव के रुद्रावतार रुद्रावतार भगवान् शिव (रूद्र ) के अवतारों को कहा जाता है। शास्त्र अनुसार महादेव के २८ अवतार हुए थे उनमें भी १० प्रमुख है वेदों में शिव का नाम ‘रुद्र’ रूप में आया है। रुद्र का अर्थ होता है भयानक। रुद…
Read moreआरती कृष्ण भगवान की - Krishna Aarti आरती कृष्ण भगवान की - Krishna Aarti http://educratsweb.com/users/images/3824-contents.jpg ओम जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे, भक्तन के दुख सारे पल में दूर करे !! ओम जय श्री कृष्ण हरे !! पर…
Read moreभगवान श्री परशुराम जयंती भगवान श्री परशुराम जयंती परशुरामजी के भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। भगवान परशुराम की जयंती बैसाख मास के शुक्ल भगवान परशुराम की जयंती दीपोत्सव के रूप में मनाई जाए। हिंदू धर्म में विशेष त्योहारों पर गंगा में …
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