श्री शारदा चालीसा श्री शारदा चालीसा ॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज। माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी। आदि शक्ति तुम जग कल्याणी॥ रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता। तीन लोक महं तुम विख्याता॥ …
Read moreश्री राधा चालीसा श्री राधा चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री राधे वृषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार। वृन्दावनविपिन विहारिणी, प्रणवों बारंबार॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिया सुखधाम। चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम॥ ॥ चौपाई ॥ जय वृषभान कुँवरि श्री श्…
Read moreश्री गणेश चालीसा श्री गणेश चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल भरण करण शुभः काजू॥ जै गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥ वक्र तुण…
Read moreश्री पार्वती माता चालीसा श्री पार्वती माता चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे, शम्भु प्रिये गुणखानि। गणपति जननी पार्वती, अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे। पंच बदन नित तुमको ध्यावे॥ षड्मुख कहि न सकत यश तेरो। सह…
Read moreश्री गिरिराज चालीसा श्री गिरिराज चालीसा ॥ दोहा ॥ बन्दहुँ वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्यान। महाशक्ति राधा सहित, कृष्ण करौ कल्याण॥ सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार। बरनौ श्रीगिरिराज यश, निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई ॥ जय हो जय बंदित…
Read moreश्री बालाजी चालीसा श्री बालाजी चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण चितलाय, के धरें ध्यान हनुमान। बालाजी चालीसा लिखे, दास स्नेही कल्याण॥ विश्व विदित वर दानी, संकट हरण हनुमान। मैंहदीपुर में प्रगट भये, बालाजी भगवान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान बालाजी…
Read moreश्री वैष्णो चालीसा श्री वैष्णो चालीसा ॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम। काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी। कलि काल मे शुभ कल्याणी॥ मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी। पिंडी रूप म…
Read moreश्री शाकम्भरी चालीसा श्री शाकम्भरी चालीसा ॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान। शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान॥ आनन्दमयी जगदम्बिका, अनन्त रूप भण्डार। माँ शाकम्भरी की कृपा, बनी रहे हर बार॥ ॥ चौपाई ॥ शाकम्भरी माँ अत…
Read moreश्री नवग्रह चालीसा श्री नवग्रह चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज। जयति राहु अरु केतु ग्रह, करहु अनुग्रह आज॥ ॥ चौपाई ॥ श्री सूर्य स्…
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